मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में एक अनोखी शादी का आयोजन हुआ, जिसमें 12 वर्षीय बच्चे की बारात बकरे पर बैठाकर निकाली गई। इस बारात में परिवार के सदस्यों ने बैंड-बाजों पर नाचते हुए जश्न मनाया और आतिशबाजी का भी आयोजन किया गया। इस अनोखी परंपरा को लोहिया समाज में करीब 400 वर्षों से मनाया जा रहा है, जिसमें बड़े बेटे का कर्णछेदन संस्कार शादी समारोह की तरह धूमधाम से किया जाता है।
कर्ण छेदन संस्कार के दौरान बड़े बेटे को दूल्हा बनाकर बकरे पर बैठाकर बारात निकाली जाती है। इस शादी में परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग शामिल होते हैं। टीकमगढ़ के प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि उनके बड़े पोते राघव अग्रवाल का कर्ण छेदन संस्कार गुरुवार को हुआ।
शुक्रवार को समाज की परंपरा के अनुसार बकरे पर बारात निकाली गई, जिसमें परिवार के सभी सदस्य और रिश्तेदार शामिल हुए। गाजे-बाजे के साथ निकाली गई बारात में रिश्तेदारों और परिजनों ने जमकर डांस किया और पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि यह परंपरा दादा-परदादा के जमाने से चली आ रही है और लोहिया समाज के कई परिवार आज भी इसे जीवित रखे हुए हैं।