ताजमहल, जो भारत की पहचान और विश्व के सात अजूबों में से एक है, अपने भीतर कई रहस्यों को समेटे हुए है। इस स्मारक के बारे में कई बार यह कहा गया है कि यह एक मकबरा नहीं, बल्कि एक हिंदू शिव मंदिर है। इसके अलावा, ताजमहल के कई कमरे शाहजहाँ के समय से बंद हैं, जो आम जनता की पहुंच से दूर हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि ताजमहल के नीचे एक हजार से अधिक कमरे मौजूद हैं।
इसके साथ ही, यह भी कहा जाता है कि ताजमहल में एक रहस्यमयी दरवाजा है, जिसे शाहजहाँ के शासनकाल में ईंटों से बंद कर दिया गया था। हालांकि, यह दावा किया जाता है कि जिन ईंटों से दरवाजे को बंद किया गया, वे दरवाजे के निर्माण के बाद बनाई गई थीं। यह सवाल उठता है कि इन कमरों को बंद करने की आवश्यकता क्यों पड़ी। कई शोधकर्ताओं का मानना है कि इनमें मुमताज की कब्र है, जिसे सरकार ने बंद करवा दिया।
कुछ पुरातत्वविदों का कहना है कि इस स्थान पर पहले एक शिव मंदिर था, जिसे ताजुमहालया कहा जाता था। हाल ही में एक नई थ्योरी सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि इन तहखानों में खजाना छिपा हुआ है, जिसकी पुष्टि मेटल डिटेक्टर से हुई है। कई दरवाजे पहले खुले थे, लेकिन बाद में उन्हें बंद कर दिया गया। यह रहस्य अब भी बना हुआ है कि इन दरवाजों के पीछे क्या है, जिसे जानने से सरकारें भी डरती हैं।
ताजमहल के रहस्यमय दरवाजे ताजमहल में छिपे रहस्यों की खोज
ताजमहल के निर्माण के समय, इसके अंदर और बाहर जाने के लिए रास्ते बनाए गए थे। इसके नीचे एक ऐसा मार्ग भी था, जो कहीं दूर बाहर निकलता था, लेकिन इसे शाहजहाँ के शासन में बंद कर दिया गया था।
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