पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप मुकाबले से पहले भारतीय खिलाड़ी जमकर पसीना बहा रहे हैं। इस दौरान वो ब्रोंको टेस्ट से भी गुजरे जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। खेलों में खिलाड़ियों की फिटनेस का आकलन करने के लिए कई तरह के परीक्षण किए जाते हैं। इन्हीं में से एक है ब्रोंको टेस्ट, जिसका उद्देश्य खिलाड़ी की दौड़ने की क्षमता, एरोबिक सहनशक्ति और समग्र फिटनेस को मापना है।
येटेस्ट विशेष रूप से उन खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है जिन्हें लंबे समय तक मैदान पर टिके रहना पड़ता है। क्रिकेट में तेज़ गेंदबाजों के लिए येऔर भी ज़रूरी हो जाता है क्योंकि उन्हें लगातार स्पेल डालने के लिए मज़बूत स्टैमिना चाहिए। इसी कड़ी में भारतीय खिलाड़ी पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले इस टेस्ट से गुजरे। वायरल वीडियो में जसप्रीत बुमराह, शुभमन गिल और संजू सैमसन समेत बाकी खिलाड़ियों को इस टेस्ट से गुजरते हुए देखा जा सकता है।
ब्रोंको टेस्ट में खिलाड़ी को कुल 1,200 मीटर दौड़ना होता है, जिसे तीन चरणों में बांटा गया है। हर सेट में खिलाड़ी को अलग-अलग दूरी तक दौड़ना और स्टार्ट लाइन पर वापस लौटना होता है। सबसे पहले 20 मीटर की दौड़ और वापसी। फिर 40 मीटर की दौड़ और वापसी। इसके बाद 60 मीटर की दौड़ और वापसी।
इस अनुक्रम को पांच बार दोहराना पड़ता है। इस तरह खिलाड़ी की गति, सहनशक्ति और फुर्ती का अंदाज़ा लगाया जाता है। रग्बी जैसे खेलों में येटेस्ट लंबे समय से फिटनेस मापने का पैमाना रहा हैऔर अब क्रिकेट जैसे अन्य खेलों में भी इसे अपनाया जाने लगा है। हालांकि, भारत के महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर का इस पर अलग नज़रिया है। उनका मानना है कि हर खिलाड़ी का शरीर अलग तरह से काम करता है, इसलिए एक जैसा टेस्ट सभी पर लागू करना सही नहीं है।
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Also Read: LIVE Cricket Scoreउन्होंने अपने कॉलम में लिखा, हर खिलाड़ी की शारीरिक बनावट और क्षमताएंअलग होती हैं। किसी एक तय मानक पर सभी को कसौटी पर कसना व्यावहारिक नहीं है। हो सकता है कोई खिलाड़ी ब्रोंको टेस्ट में पीछे रह जाए, लेकिन मैदान पर अपनी भूमिका बखूबी निभाए। चयनकर्ताओं को खिलाड़ी की ताकत और खेल शैली को ध्यान में रखते हुए छूट देनी चाहिए।
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