भारत और पाकिस्तान के बीच बीते दिनों तनाव काफी बढ़ गया था. शनिवार शाम भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देश तत्काल और पूर्ण सीज़फ़ायर पर सहमत हो गए हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने शनिवार सुबह प्रेस प्रीफ़िंग में कहा था कि पाकिस्तान ने पश्चिमी मोर्चे पर ड्रोन, लॉन्ग रेंज वीपन (लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार) और लड़ाकू विमानों का प्रयोग कर भारतीय सैन्य ढांचो को निशाना बनाने की कोशिश की है.
प्रेस प्रीफ़िंग में कर्नल सोफ़िया कुरैशी ने कहा, "पाकिस्तान ने सुबह एक बजकर 40 मिनट पर हाई स्पीड मिसाइल का इस्तेमाल करके पंजाब के एयरबेस स्टेशन को दाग़ने की कोशिश की."
वहीं पाकिस्तान ने कहा है कि उसने भारत की ओर से छह और सात मई की दरमियानी रात को किए गए हमलों पर जवाबी कार्रवाई की है.
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पाकिस्तान की सेना के जनसंपर्क विभाग आईएसपीआर के मुताबिक़, पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई को 'ऑपरेशन बुनयान मरसूस' का नाम दिया है.
भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये नहीं बताया कि पाकिस्तान की ओर से भारत की तरफ कौन-सी मिसाइल दाग़ी गईं.
हालांकि मिसाइल्स को उनके टाइप, लॉन्च मोड, रेंज, वॉरहेड और गाइडेंस सिस्टम के आधार पर क्लासिफाई किया जाता है. इसमें मुख्य तौर क्रूज़ मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल की दो कैटेगरी होती हैं.
क्रूज़ मिसाइल की कैटेगरी में आने वाली मिसाइल की स्पीड पांच मैक (ध्वनि की गति से 5 गुना गति) से ज्यादा नहीं होती है.
रक्षा मामलों के विशेषज्ञ कर्नल अजय सिंह कहते हैं, "जो भी बैलिस्टिक मिसाइल होती हैं, वो हाई स्पीड मिसाइल कहलाती हैं, क्योंकि उनकी स्पीड, साउंड की स्पीड के ज़्यादा होती है."
"पाकिस्तान की तरफ़ से कौन-सी मिसाइल दाग़ी गई है इसकी हमें जानकारी नहीं है, लेकिन जो भी मिसाइल होगी वो बैलिस्टिक मिसाइल और तेज स्पीड वाली मिसाइल होगी."
कर्नल अजय सिंह ने कहा कि मिसाइलें अलग-अलग तरह की होती हैं.
उन्होंने कहा, "हाइपरसोनिक मिसाइल साउंड की स्पीड से 10 गुना ज़्यादा तेज होती हैं. वहीं बैलिस्टिक मिसाइल भी साउंड की स्पीड से काफी तेज़ होती हैं."
"जब आप हाई स्पीड मिसाइल की बात कर रहे हैं तो आप कम से कम बैलिस्टिक मिसाइल की बात कर रहे हैं."
कर्नल अजय सिंह कहते हैं कि पाकिस्तान के पास जो भी मिसाइलें हैं वो बैलिस्टिक मिसाइलें हैं.
उनके अनुसार, "भारत के पास पाकिस्तान की तुलना में मिसाइल की ज्यादा बड़ी रेंज है."
वहीं रक्षा मामलों के विशेषज्ञ राहुल बेदी कहते हैं, "पाकिस्तान के पास जो हाइपरसोनिक मिसाइल है उसका नाम फतेह-टू है. इसकी रेंज 400 किलोमीटर तक है. पाकिस्तान के पास लंबी दूरी तक मार करने वाली और भी मिसाइलें हैं."
"पाकिस्तान के पास अब्दाली मिसाइल है. इसकी रेंज 200 से 300 किलोमीटर तक की है. उसके पास गज़नवी मिसाइल भी है, जिसकी रेंज 300 से 350 किलोमीटर तक की है."
भारत के पास कौन-सी हाई स्पीड मिसाइलें हैं? इस सवाल के जवाब में राहुल बेदी कहते हैं, "भारत के पास मिसाइल की काफी रेंज है. भारत के पास पृथ्वी है, अग्नि मिसाइल भी है. भारत की मिसाइल की सिरीज़ बड़ी है."
क्रूज़ मिसाइलें, ऐसी मिसाइलें होती हैं जो किसी विमान की तरह उड़ान भरती हैं. इनकी मदद से लंबी दूरी तक सटीक निशाना बना कर दुश्मन के ठिकानों को नष्ट किया जा सकता है.
दुश्मन के रडार से बचने के लिए ये मिसाइलें कम ऊंचाई पर उड़ती हैं और आधुनिक नेविगेशन सिस्टम से लैस होती हैं.
क्रूज़ मिसाइल को ज़मीन, वायु, जल और पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है. यह मिसाइल एक हज़ार किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार कर सकती है.
भारत के बास ब्रह्मोस, निर्भय जैसे क्रूज़ मिसाइलें हैं. स्पीड के मामले में क्रूज़ मिसाइल को तीन कैटेगरी में बांटा गया है- सबसोनिक, सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक.
सबसोनिक मिसाइल ध्वनि की गति को पार नहीं कर पाती हैं, जबकि सुपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की गति से दो से तीन गुना गति तक ही जा पाती हैं.
वहीं हाइपरसोनिक मिसाइल, आवाज़ की गति से पाँच गुना तेज़ रफ़्तार से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती हैं.
रक्षा विशेषज्ञ एयर कमोडोर डॉ. अशमिंदर सिंह बहल (सेवानिवृत्त) के मुताबिक़, "हाइपरसोनिक मिसाइल पहले आसमान में क़रीब 100 किलोमीटर ऊपर जाती है, जिसका मतलब है कि वह पहले धरती के वायुमंडल को पार करती है."
"धरती के वायुमंडल से स्पेस में दाखिल होने के बाद हाइपरसोनिक मिसाइल क्रूज़ फे़ज में रहती है, जिसके बाद वह धरती पर अपने टारगेट के लिए बढ़ती है."
रक्षा विशेषज्ञ राहुल बेदी के मुताबिक़, "हाइपरसोनिक मिसाइल पर कवेंशनल और न्यूक्लियर वॉर हेड दोनों लगाए जा सकते हैं."
नवंबर, 2024 में ही भारत ने लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था.
इस हाइपरसोनिक मिसाइल की रेंज 1500 किलोमीटर से ज़्यादा है और यह मिसाइल हवा, पानी और ज़मीन तीनों जगहों से दागी जा सकती है.
भारतीय रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक़, फिलहाल पाकिस्तान के पास हाइपरसोनिक मिसाइल नहीं है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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