पाकिस्तान ने अफ़ग़ानिस्तान में तीन अफ़ग़ान क्रिकेटरों की मौत को लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तारड़ ने कहा है कि आईसीसी और उसके चेयरमैन जय शाह का बयान पाकिस्तान क्रिकेट को नुक़सान पहुंचाने का प्रयास है.
अताउल्लाह तारड़ ने जय शाह के बयान को पिछले महीने एशिया कप के दौरान हुए 'नो हैंडशेक' विवाद की अगली कड़ी बताया है.
अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी कि पाकिस्तानी हमले में तीन क्रिकेट खिलाड़ियों कबीर आग़ा, सिबग़तुल्लाह और हारून की मौत हो गई है.
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इस हमले के बाद अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अगले महीने से होने वाली तीन देशों की टी20 सिरीज़ से हटने का फ़ैसला किया.
इस सिरीज़ में पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और श्रीलंका खेलने वाले थे. अब अफ़ग़ानिस्तान की जगह ज़िम्बाब्वे की टीम इस सिरीज़ में हिस्सा लेगी.

पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तारड़ ने आईसीसी और जय शाह के बयानों को ख़ारिज करते हुए इसे 'अपुष्ट जानकारी' को आगे बढ़ाने की कोशिश बताया है.
एक्स पर दिए गए अपने बयान में तारड़ ने कहा कि पाकिस्तान ख़ुद सीमा पार आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार है.
उन्होंने लिखा, "पाकिस्तान आईसीसी के पक्षपाती और जल्दबाज़ी में दिए गए बयान को ख़ारिज करता है, जिसमें इस विवादास्पद आरोप को स्वीकार किया गया कि तीन 'अफ़ग़ान क्रिकेटर' एक 'हवाई हमले' में मारे गए. आईसीसी ने इन दावों की पुष्टि के लिए कोई स्वतंत्र स्रोत या विश्वसनीय सबूत पेश नहीं किया है."
तारड़ का कहना है कि आईसीसी की तरह जय शाह ने भी यही दावा किया है.
अताउल्लाह तारड़ ने कहा कि "ये आरोप एक ऐसी सिरीज़ का हिस्सा हैं जिसके ज़रिए आईसीसी की लीडरशिप और जय शाह पाकिस्तान क्रिकेट को नुक़सान पहुंचाना चाहते हैं."
उनके अनुसार, हाल ही में एशिया कप के दौरान हुई 'नो हैंडशेक विवाद' के ज़रिए भी पाकिस्तान क्रिकेट को प्रभावित करने की कोशिश की गई.
गौरतलब है कि पिछले महीने एशिया कप के मैचों के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टॉस के समय पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आग़ा से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था.
सूचना और प्रसारण मंत्री का कहना है कि शुक्रवार रात 'पुष्ट' ख़ुफ़िया जानकारी के आधार पर हाफ़िज़ गुल बहादुर समूह के ख़िलाफ़ एक ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें कम से कम 60 से 70 आतंकवादी मारे गए.
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आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने शनिवार शाम सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर पोस्ट कर इस घटना पर दुख जताया था.
उन्होंने लिखा, "तीन युवा अफ़ग़ान क्रिकेटरों कबीर आग़ा, सिबग़तुल्लाह और हारून के निधन से दुखी हूं, जिनके ख़्वाब हिंसा की अर्थहीन हरकत की वजह से ख़त्म हो गए."
वहीं आईसीसी ने अपने बयान में कहा था कि वह तीन युवा खिलाड़ियों की मौत से बेहद दुखी है.
बयान के मुताबिक़, "तीन युवा खिलाड़ी फ़्रेंडली क्रिकेट मैच में भाग लेकर घर लौट रहे थे जब वे एक हमले में मारे गए. आईसीसी हिंसा की इस हरकत की निंदा करता है. आईसीसी अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है और दुख में उनके साथ है."
वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी अपने बयान में कहा है कि वह अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड, क्रिकेट बिरादरी और उनके परिवारों के साथ खड़ा है.
बीसीसीआई ने कहा, "निर्दोष लोगों और ख़ासकर होनहार खिलाड़ियों की जान जाना बेहद दुखद और चिंता का विषय है. बीसीसीआई अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है और उनके दुख और नुक़सान में शामिल है."
अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने आईसीसी के बयान जारी करने पर उसका आभार जताया था.
एसीबी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड एक बार फिर इस हिंसक कार्य की कड़ी निंदा करता है. आईसीसी की एकजुटता की सराहना करते हुए, एसीबी इस अमानवीय हमले के ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह करता है."
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अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाड़ी राशिद ख़ान कई सालों से पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) की फ्रेंचाइज़ी लाहौर कलंदर्स का हिस्सा रहे हैं और पहले भी लाहौर कलंदर्स को अपनी पसंदीदा फ्रेंचाइज़ी बता चुके हैं.
घटना के बाद उन्होंने 'एक्स' बायो से लाहौर कलंदर्स का नाम हटा लिया है.
राशिद ख़ान ने हमले को 'त्रासद' बताया और कहा कि वह पाकिस्तान के साथ होने वाली त्रिकोणीय सीरीज़ से पीछे हटने के एसीबी के फ़ैसले का समर्थन करते हैं.
उन्होंने कहा, "नागरिकों को निशाना बनाया जाना पूरी तरह से अनैतिक और बर्बर है. इस तरह के ग़ैर-क़ानूनी और अन्यायपूर्ण एक्शन मानवाधिकारों का उल्लंघन है."
भारत के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह और इरफ़ान पठान समेत अन्य खिलाड़ियों ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया है.
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफ़रीदी ने एक्स पर लिखा, "पाकिस्तान हमेशा अपने अफ़ग़ान भाइयों के साथ खड़ा रहा है. उसने अपनी ज़मीन पर 40 लाख शरणार्थियों को बसाया. लेकिन बहुत अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि हाल के दिनों में अफ़ग़ानिस्तान इन सब एहसानों को भूल गया है और खुलकर सरहदों पर हमला कर रहा है."
हमले के बारे में अब तक क्या पता है?
तालिबान सरकार के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद का कहना है कि क़तर में पाकिस्तान के साथ उनके प्रतिनिधिमंडल की वार्ता समाप्त हो गई है और दोनों पक्षों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
मुजाहिद ने कहा कि वार्ता में कई बिंदुओं पर सहमति बनी, जिसमें पूर्ण युद्धविराम भी शामिल है.
उनके मुताबिक़, "दोनों पक्षों ने शांति, आपसी सम्मान और अच्छे पड़ोसी संबंधों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया. दोनों पक्ष बातचीत के ज़रिए समस्याओं और मुद्दों का समाधान चाहते हैं. दोनों देश एक-दूसरे के विरुद्ध कोई शत्रुतापूर्ण कार्रवाई नहीं करेंगे और न ही वे पाकिस्तानी सरकार के विरोधी समूहों के हमलों का समर्थन करेंगे."
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा मोहम्मद आसिफ़ प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे और उन्होंने शांति समझौते की पुष्टि की है.
उन्होंने कहा, "दोनों पड़ोसी देश एक-दूसरे की सरज़मीं का सम्मान करेंगे. अफ़ग़ानिस्तान की धरती से पाकिस्तान में जारी आतंकवाद को तुरंत रोका जाएगा."
शुक्रवार देर रात को हुए हमले पर पाकिस्तान ने कहा था कि सुरक्षा बलों ने अफ़ग़ान सीमा से लगे उत्तरी और दक्षिणी वज़ीरिस्तान ज़िलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में 'आतंकवादी शिविरों' को निशाना बनाया है.
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तारड़ ने एक्स पर एक बयान में बताया था कि बॉर्डर पर 'आतंकवादी' समूह हाफ़िज़ गुल बहादुर के ठिकानों पर हमला किया गया.
बीबीसी पश्तो के मुताबिक़, अफ़ग़ानिस्तान के पक्तीका प्रांत के उर्गून ज़िले में हुए हमले में कम से कम 17 लोगों की मौत हुई है.
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