अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष ख़त्म कराने का दावा किया है.
मंगलवार को ट्रंप ने कहा कि उन्होंने परमाणु हथियारों से लैस दो ताक़तों भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत बड़ा संघर्ष ख़त्म करवा दिया. ट्रंप ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ की तारीफ़ की और कहा कि उनसे मुलाक़ात के दौरान उन्होंने सम्मानित महसूस किया.
भारत ने कई बार कहा है कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ छिड़ा संघर्ष दोनों पक्षों की सहमति से ख़त्म हुआ था. इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी.
लेकिन पाकिस्तानने कहा है कि ये संघर्ष राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता के बाद ख़त्म हुआ.
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को एक चरमपंथी हमला हुआ था. इसमें 25 पर्यटक समेत 26 लोग मारे गए थे.
इसके बाद 6-7 मई की रात पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चरमपंथी कैंपों को भारतीय सेना ने निशाना बनाया.
इस अभियान को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हुआ था. लेकिन तीन दिनों बाद ये ख़त्म हो गया था.
आसिम मुनीर की तारीफ़ में क्या कहा?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के क्वैंटिको में मिलिट्री लीडर्स के सामने भारत और पाकिस्तान समेत कई सैन्य संघर्ष ख़त्म कराने का दावा किया.
उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर उनसे मिले तो उन्होंने 'सम्मानित' महसूस किया.
आसिम मुनीर की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान के बेहद अहम शख्स मुझसे मिले. उन्होंने लाखों जानें बचाने के लिए मेरी तारीफ़ की.''
उन्होंने कहा, "अपने नौ महीनों के शासन में मैंने इतने सारे युद्ध ख़त्म कराए हैं. मैंने सात सैन्य संघर्ष ख़त्म कराए हैं. और कल शायद हमने उनमें से सबसे बड़ा सुलझा लिया. हालांकि पाकिस्तान और भारत का संघर्ष बहुत बड़ा था. दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं. मैंने इस संघर्ष को भी ख़त्म कराया.''
दरअसल वो ग़ज़ा में इसराइल और हमासके बीच शांति योजना का हवाला दे रहे थे. ट्रंप ने सोमवार को इसका एलान किया था.
ग़ज़ा में इस शांति की योजना का ज़िक्र करते हुए ट्रंप ने एक बार फ़िर भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष का ज़िक्र किया.
ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है हमने इसे सुलझा लिया है. देखते हैं. हमास को मानना होगा, और अगर वे नहीं मानते तो उनके सामने बड़ी मुश्किल होगी. फ़िलहाल तो यही है. लेकिन सभी अरब और मुस्लिम देश मान गए हैं."
ग़ज़ा में शांति की योजना का ज़िक्र करते हुए ट्रंप ने एक बार फ़िर भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष का ज़िक्र किया.
उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान भिड़ गए थे. मैंने दोनों को फोन किया, और इस मामले में मैंने व्यापार का इस्तेमाल किया.''
ट्रंप ने बताया कि उन्होंने "दो बड़ी परमाणु शक्तियों" से कहा कि वे "उनसे व्यापार नहीं करने वाले हैं."
इस पर दोनों देशों ने जवाब दिया, "नहीं-नहीं, आप ऐसा नहीं कर सकते''.
मैंने कहा, '' हां, मैं कर सकता हूं. अगर आप लोग इस पागलपन भरे युद्ध में उतरते हैं, जिसके बारे में मैं सुन रहा हूं.''
- ट्रंप के 'ग़ज़ा प्लान' को अमल में लाने में ये मुश्किलें आ सकती हैं सामने
- अमेरिका को भारत के बजाय पाकिस्तान से दोस्ती करने में क्यों फ़ायदा नज़र आ रहा है?
- 'भारत अपने हित ज़रूर देखे लेकिन...' अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने टैरिफ़ और रूसी तेल पर क्या कहा?
ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने सात विमान गिरा दिए थे. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ये किस देश के विमान थे.
उन्होंने कहा, ''युद्ध शुरू हो रहा था. बहुत ख़राब माहौल था. और मैंने कहा, 'अगर तुम ऐसा करते हो तो कोई व्यापार नहीं होगा'. और मैंने युद्ध रोक दिया. यह चार दिनों से चल रहा था. भयंकर युद्ध था लेकिन लेकिन यह तो बस शुरुआत थी. हमने इसे रोक दिया. यह एक शानदार काम था."
पिछले सप्ताह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ और आर्मी चीफ़ मुनीर ने ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाक़ात की थी.

ट्रंप ने इस मुलाक़ात का ज़िक्र करते हुए कहा, "पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यहां थे, उनके साथ फ़ील्ड मार्शल भी थे. जो पाकिस्तान में बहुत अहम शख़्स हैं. और वे तीन दिन पहले यहां आए थे. उन्होंने कहा इस व्यक्ति ने लाखों जानें बचाई हैं क्योंकि इसने युद्ध को आगे बढ़ने से रोक दिया, और वो युद्ध बहुत बुरा होने वाला था. राष्ट्रपति ट्रंप ने लाखों लोगों की ज़िंदगियां बचाईं. वो एक भयानक युद्ध था."
उन्होंने आगे कहा कि व्हाइट हाउस की चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ सूज़ी वाइल्स भी उस बैठक में मौजूद थीं और "उन्होंने कहा कि यह सबसे खूबसूरत बात थी. हमने कई लोगों को बचा लिया.''
10 मई को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एलान किया था कि भारत और पाकिस्तान ने अमेरिका की मध्यस्थता में हुई "रात भर चली" बातचीत के बाद "पूर्ण और तत्काल" युद्धविराम पर सहमति जताई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ ट्रंप तब से लगभग 50 बार यह दावा दोहरा चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच 'तनाव खत्म कराने' में मदद की.
भारत ने किसी तीसरे देश की भूमिका से लगातार इनकार किया है.
- ट्रंप का अब यह फ़ैसला भारत की एक अहम 'ताक़त' को पहुंचा सकता है चोट
- ज़ेलेंस्की ने भारत को लेकर यूरोप और अमेरिका को दी ये सलाह
- ट्रंप बोले- लंदन में शरिया क़ानून लागू करना चाहते हैं सादिक़ ख़ान, मेयर ने दिया ये जवाब

पिछले हफ़्ते भी ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में दुनिया भर के नेताओं के सामने कहा था उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रुकवाया.
जबकि भारत लगातार यह कहता आया है कि पाकिस्तान के साथ युद्धविराम की समझौता वार्ता दोनों सेनाओं के डायरेक्टर्स जनरल ऑफ़ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत से हुई थी.
प्रधानमंत्री कहा था कि किसी भी देश के नेता ने भारत से ऑपरेशन 'सिंदूर' रोकने को नहीं कहा.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ ट्रंप ने कहा था कि उन्हें बताया गया था कि अगर वे रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष रोक दें तो उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए.
उन्होंने कहा था, "मैंने कहा, 'तो बाकी सात का क्या? मुझे तो हर एक के लिए नोबेल मिलना चाहिए'. तो उन्होंने कहा, 'लेकिन अगर आप रूस और यूक्रेन को रोक दें, सर, तो आपको नोबेल मिल सकता है'. मैंने कहा, मैंने सात युद्ध रोके हैं. यह तो एक युद्ध है, और बड़ा वाला है."
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें लगा था रूस-यूक्रेन का संघर्ष सुलझाना आसान होगा, "क्योंकि मेरे राष्ट्रपति पुतिन के साथ अच्छे रिश्ते हैं, उनसे निराश हूं. लेकिन रिश्ते हैं. मैंने सोचा था कि यह सबसे आसान होगा, लेकिन इसे हम किसी न किसी तरह सुलझा लेंगे."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, और व्हॉट्सऐप पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
- एच-1बी वीज़ा पर अब आई व्हाइट हाउस की सफ़ाई, भारत पर कैसे होगा असर
- 'ट्रंप दुनिया के शहंशाह नहीं हैं' ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला ने अमेरिका के साथ रिश्तों पर और क्या कहा?
- अमेरिका में भारतीय मूल के जिस व्यक्ति की हत्या हुई, उनको जानने वाले लोग क्या कह रहे हैं?