प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी (जेएसपी) ने गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 51 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है.
बिहार में छह और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होने हैं. चुनावी नतीजे 14 नवंबर को आएँगे.
जेएसपी के 51 उम्मीदवारों में 17 अति पिछड़े वर्ग से, 11 पिछड़े वर्ग से, सात दलित, सात मुस्लिम और नौ सामान्य वर्ग से हैं.
इन 51 उम्मीदवारों में छह महिलाएँ हैं और गोपालगंज की भोरी सीट से एक ट्रांसजेंडर प्रीति किन्नर को टिकट मिला है.
प्रशांत किशोर ने इससे पहले कहा था कि वह 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देंगे.
बिहार जाति सर्वे 2022 के अनुसार राज्य में अति पिछड़ी जातियाँ 36.01 फ़ीसदी हैं और आबादी के लिहाज से यह सबसे बड़ा हिस्सा है. वहीं पिछड़ी जातियाँ 27.12 फ़ीसदी हैं.
जेएसपी ने अपने सीनियर नेता आरके मिश्रा को दरभंगा टाउन से उतारा है. आरके मिश्रा होम गार्ड के पूर्व महानिदेशक हैं. मिश्रा जनसुराज से शुरुआत के दिनों से ही जुड़े हैं.
पटना हाई कोर्ट के वकील वाईवी गिरी को सारण ज़िले के मांझी से टिकट मिला है.
यदुवंश गिरी पटना हाई कोर्ट के सीनियर वकील हैं और कई अहम क़ानूनी लड़ाइयों में शामिल रहे हैं.
ख़ासकर बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन से जुड़े मुक़दमों में उनकी अहम भूमिका रही है.
गणितज्ञ केसी सिन्हा को सेंट्रल पटना में कुम्हरार से उतारा गया है. केसी सिन्हा 70 टेक्स्टबुक के लेखक हैं और कई यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर रह चुके हैं.
भोजपुरी फ़िल्मों के गायक रितेश रंजन पांडे को रोहतास ज़िले के करगहर सीट से टिकट मिला है. यह सीट ब्राह्मणों के प्रभुत्व वाली मानी जाती है.
रितेश पांडे इस साल की शुरुआत में जनसुराज के कैंपेन में शामिल हुए थे. पिछले साल लोकसभा चुनाव में पांडे बीजेपी के कैंपेन में शामिल थे.
इन्होंने 'हम मोदी संग रहब' गाया था. यह गाना बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान काफ़ी लोकप्रिय हुआ था.
प्रशांत किशोर वंशवादी राजनीति के आलोचक रहे हैं, लेकिन उन्होंने समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति ठाकुर को समस्तीपुर की मोरवा सीट से टिकट दिया है.
जागृति एक डेंटिस्ट हैं. अति पिछड़ी जातियों के बीच कर्पूरी ठाकुर का बहुत सम्मान है क्योंकि उन्होंने मुंगेरीलाल आयोग की सिफ़ारिशें लागू की थीं.
एनडीटीवी से बातचीत में जागृति ठाकुर को टिकट दिए जाने पर प्रशांत किशोर ने कहा, "जागृति ठाकुर जो चुनाव लड़ रही हैं, वो सिर्फ़ कर्पूरी ठाकुर की पोती नहीं हैं. वो डॉक्टर हैं, पढ़ी-लिखी महिला हैं, मोरवा में महीनों से काम कर रही हैं."
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इसके अलावा आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह को नालंदा की अस्थावां सीट से जेएसपी का टिकट मिला है.
आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह को टिकट दिए जाने पर प्रशांत किशोर ने कहा, "अस्थावां लता सिंह का गृह क्षेत्र है, जहाँ वो लंबे समय से काम करती रही हैं. बहुत प्रखर महिला हैं."
लता सिंह एक वकील हैं. पहले वह पटना हाई कोर्ट में वकालत करती थीं और अब सुप्रीम कोर्ट में हैं. अस्थावां सीट कुर्मी बहुल है और लता सिंह भी इसी जाति से ताल्लुक़ रखती हैं.
किशोर कुमार मुन्ना को सहरसा से टिकट मिला है. मुन्ना 2005 में सोवबरसा से निर्दलीय विधायक बने थे. मुन्ना के अलावा लगभग सभी उम्मीदवार पहली बार चुनावी मैदान में हैं.
जेएसपी नेता आरसीपी सिंह ने उम्मीदवारों के नाम को मोबाइल फ़ोन से पढ़कर बताया.
आरसीपी सिंह कभी नीतीश कुमार के काफ़ी क़रीबी थे और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही हफ़्ते बचे हैं.
छपरा सीट से जनसुराज ने जयप्रकाश सिंह को उतारा है, जो रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हैं.
2000 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह हिमाचल प्रदेश में भी अपनी सेवाएँ दे चुके हैं.
इसके अलावा जनसुराज से तीन डॉक्टरों को उम्मीदवार बनाया गया है.
डॉ अरुण कुमार इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस के पूर्व निदेशक हैं. इन्हें जनसुराज ने बेगूसराय की मटिहानी सीट से उम्मीदवार बनाया है.
प्रशांत किशोर ने डॉ अरुण कुमार को लेकर कहा, ''आप मटिहानी देख लीजिए. आईजीएमएस के सबसे प्रसिद्ध डायरेक्टर के तौर पर अगर किसी डॉक्टर की चर्चा है, तो वो डॉक्टर अरुण हैं. ईमानदार व्यक्ति की छवि है. मटिहानी में जहाँ बाहुबली ही लड़ते हैं, हम भी भूमिहार लड़ा रहे हैं, लेकिन वो भूमिहार लड़ा रहे हैं, जिसके चरित्र पर कोई उंगली नहीं उठा सकता."
डॉ लालबाबू प्रसाद को पूर्वी चंपारण की ढाका सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. डॉ प्रसाद मोतीहारी में एक क्लिनिक चलाते हैं.
मुज़फ्फ़रपुर के जाने-माने फिजिशियन डॉ अमित कुमार दास अपने गृह ज़िले का प्रतिनिधित्व करेंगे.

जेएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने घोषणा की है कि दूसरी लिस्ट 11 या 12 अक्तूबर को जारी होगी. उन्होंने कहा कि अब चुनाव में समय बहुत कम है, इसलिए हर एक या दो दिन पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होगी.
उम्मीदवारों की घोषणा के वक़्त प्रशांत किशोर मौजूद नहीं थे.
प्रशांत किशोर 11 अक्तूबर से वैशाली ज़िले की राघोपुर सीट से औपचारिक रूप से चुनावी कैंपेन की शुरुआत करेंगे. राघोपुर से राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव 2015 से विधायक हैं.
बिहार के दो अहम गठबंधन एनडीए और आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में सीटों के बँटवारे पर अभी कोई सहमति नहीं बन पाई है.
कहा जा रहा है कि एनडीए के दो सहयोगी चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को जितनी सीटें दी जा रही हैं, उससे नाख़ुश हैं.
दूसरी तरफ़ महागठबंधन में भी कांग्रेस, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी अपनी सीटों को लेकर आरजेडी से सहमत नहीं हो पाए हैं.
बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं. मुकेश सहनी 60 सीटें मांग रहे हैं और उपमुख्यमंत्री का पद भी. सहनी मल्लाह जाति से ताल्लुक रखते हैं और बिहार में इस जाति की आबादी 9.6 प्रतिशत है.
प्रशांत किशोर ने अपनी पहली लिस्ट पर कहा, ''एक भी बाहुबली, धनबली, महाबली कोई नहीं मिलेगा. इसमें सिर्फ़ वो लोग मिलेंगे, जो बिहार को सुधारने का जज़्बा लेकर इस प्रयास से जुड़े हैं. हमारे ज़्यादातर उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. इस प्लेटफ़ॉर्म से वो लोग जुड़े हैं, जो राजनीति नहीं जानते हैं, लेकिन उनको समाज की चिंता है, जो राजनीति के ज़रिए समाज को कुछ देने आए हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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