राजस्थान के अजमेर जिले के पवित्र तीर्थ स्थल पुष्कर में सावित्री माता मंदिर के रोपवे पर शुक्रवार को वन विभाग ने सख्त कार्रवाई की। रत्नागिरी पहाड़ी पर चल रहे इस रोपवे को अवैध निर्माण और वन भूमि पर अतिक्रमण के चलते सील कर दिया गया। साथ ही रोपवे का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया। यह कार्रवाई नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) भोपाल के आदेश पर की गई।
वन विभाग ने लगाया ताला
क्षेत्रीय वन अधिकारी मान सिंह के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कार्रवाई की। टिकट काउंटर पर नोटिस चिपका कर रोपवे को सील कर दिया गया। नोटिस में कहा गया कि सावित्री माता रोपवे परियोजना वन संरक्षण अधिनियम 1980 का उल्लंघन करती है। वन विभाग ने रोपवे संचालन करने वाली कंपनी दामोदर रोपवेज इंफ्रा लिमिटेड को आदेश दिया कि जब तक मामले का कानूनी समाधान नहीं हो जाता, तब तक रोपवे को बंद रखा जाए।
एनजीटी में शिकायत से सामने आया मामला
यह पूरा मामला भोपाल के दौलत राम नामक व्यक्ति की शिकायत से सामने आया एनजीटी ने राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जांच के लिए कमेटी बनाने के आदेश दिए। कमेटी की जांच में बड़ी बात सामने आई।
बिना अनुमति के किए गए कई निर्माण
जांच में सामने आया कि रोपवे प्रोजेक्ट के तहत टिकट काउंटर, शौचालय, कैफेटेरिया, सेप्टिक टैंक और डीजल जनरेटर जैसे निर्माण बिना किसी वैध अनुमति के किए गए। कुल 1280.06 वर्ग मीटर वन भूमि पर अतिक्रमण की पुष्टि हुई। अब इस मामले की अगली सुनवाई एनजीटी में 22 मई को होगी।
श्रद्धालुओं में चर्चा
पुष्कर आने वाले श्रद्धालुओं में इस कार्रवाई की खूब चर्चा हो रही है। रोपवे बंद होने से सावित्री माता मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चढ़ाई ही एकमात्र विकल्प बचा है। इस कार्रवाई को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
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