राजस्थान में नागरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने और उसका आकलन करने के लिए 'ऑपरेशन शील्ड' के तहत शनिवार को 'मॉक ड्रिल' और 'ब्लैक आउट' का आयोजन किया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। इसकी तैयारियों को लेकर राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
सायरन ठीक करने के निर्देश
आधिकारिक बयान के अनुसार पंत ने कहा कि अधिकारी सभी संचार माध्यमों और सायरन प्रणाली को दुरुस्त कर संचार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना सुनिश्चित करें। नागरिक सुरक्षा निदेशालय के निदेशक जगजीत सिंह मोंगा ने मॉक ड्रिल के दौरान वायुसेना, चिकित्सा, स्थानीय निकाय, गृह रक्षा, ऊर्जा, पुलिस विभाग और जिला प्रशासन की भूमिका को रेखांकित किया।
समय और स्थान गोपनीय रखें
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने अधिकारियों से कहा कि मॉक ड्रिल और ब्लैक आउट का समय और स्थान पूरी तरह गोपनीय रखें। मॉक ड्रिल के दौरान रिस्पांस टाइम को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाए। सभी सायरन को चेक करने के आदेश दिए ताकि कोई कमी न रहे। पंत ने कहा कि पिछली मॉक ड्रिल के अनुभवों के आधार पर हमें युद्ध जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए मजबूत बने रहना चाहिए।
7 मई को हुई थी मॉक ड्रिल
केंद्र सरकार ने प्रत्येक जिले में एक स्थान पर मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए थे। सिविल डिफेंस ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पिछली बार 7 मई को हुई मॉक ड्रिल में कुछ खामियां रह गई थीं, जिसके चलते यह अभ्यास नए सिरे से किया जा रहा है। 7 मई को राजस्थान के सभी जिलों में हवाई हमलों से बचाव के लिए मॉक ड्रिल की गई थी।
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