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अब मंडी की झंझट खत्म! फसलों को बेचने के लिए किसानों को मिलेगा नया ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, बिक्री पर मिलेंगे नकद पुरस्कार

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अगर आप भी अपने कृषि उत्पादों को सही कीमत पर जल्दी बेचना चाहते हैं तो कृषि विभाग के ई-नाम प्लेटफॉर्म पर अपनी फसल बेच सकते हैं। इस प्लेटफॉर्म पर न सिर्फ फसल का भुगतान सीधे बैंक खाते में मिलता है, बल्कि कृषक उपहार योजना में प्रोत्साहन के तौर पर नकद पुरस्कार भी दिए जा रहे हैं। राज्य स्तर पर पुरस्कार राशि 1 से 2.50 लाख रुपये तक होती है। इस वर्ष के पुरस्कार की घोषणा कृषि एवं बागवानी सचिव राजन विशाल की अध्यक्षता में राज किसान पोर्टल पर राज्य स्तरीय ऑनलाइन लॉटरी द्वारा की गई। इस प्लेटफॉर्म पर किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलता है और व्यापार में पारदर्शिता आती है। यहां किसान देश की किसी भी एपीएमसी मंडी से अपनी उपज बेच सकते हैं।

क्या है ई-नाम प्लेटफॉर्म

कृषि विभाग सिरोही के संयुक्त निदेशक शंकरलाल मीना ने बताया कि ई-नाम एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जिसे भारत सरकार द्वारा कृषि वस्तुओं के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए लॉन्च किया गया है। यह किसानों, व्यापारियों और खरीदारों को विभिन्न राज्यों में कृषि वस्तुओं का ऑनलाइन व्यापार करने में सक्षम बनाता है। कृषि विभाग किसानों को ई-नाम के माध्यम से अपनी कृषि उपज बेचने तथा ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

यह है कृषक उपहार योजना

किसानों को उनकी फसलों से अधिक लाभ दिलाने के लिए कृषक उपहार योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत गेट पास बिक्री पर्ची तथा ई-पेमेंट बिक्री पर्ची के आधार पर मंडी स्तर पर प्रत्येक छह माह में क्रमश: प्रथम पुरस्कार के रूप में 25,000 रुपये, 15,000 रुपये तथा 10,000 रुपये के पुरस्कार दिए जाते हैं। वहीं, ब्लॉक या खंड स्तर पर प्रत्येक छह माह में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार के रूप में 50,000 रुपये, 30,000 रुपये तथा 20,000 रुपये दिए जाने का प्रावधान है।

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